Sukma,13 August 2024। बस्तर के कोंटा ( सुकमा जिला ) में थाना प्रभारी के पद पर तैनात टीआई अजय सोनकर को कोंटा के आरएसएन लॉज के सीसीटीवी के डीव्हीआर को विधि विरुद्ध तरीक़े से क़ब्ज़े में लेने और उसे क्षतिग्रस्त करने के आरोप में अपराध क़ायम कर जेल भेज दिया गया है।टी आई अजय सोनकर के विरुध्द पत्रकार आक्रोशित हैं। पत्रकारों का आरोप है टी आई अजय सोनकर ने पदीय कर्तव्यों का दुरुपयोग कर पत्रकारों को नारकोटिक्स के झूठे मामले में फँसा दिया। क्षेत्रीय पत्रकारों का आरोप है कि,जिस डीव्हीआर के फ़ुटेज को नुक़सान पहुँचाया गया, उसमें टी आई अजय सोनकर पत्रकारों को फँसाने की संदिग्ध भुमिका निभाते दिख रहे थे।
रेत तस्करी को लेकर पत्रकारों के समूह से विवाद हुआ था
दंतेवाड़ा के पत्रकार बापी राय सहयोगी पत्रकार शिवेंदु त्रिवेदी धर्मेंद्र सिंह तथा मनीष सिंह के साथ कोंटा पहुँचे थे। ये सभी वहाँ स्थानीय परिचित इरशाद के न्यौते पर पहुँचे थे।दोपहर में इन सभी की पार्टी हुई। शाम को रेत खदान संचालक द्वारा रेत का परिवहन आंध्र प्रदेश की ओर कराते देख पत्रकारों के समूह ने ठेकेदार चंदू के वाहनों को चिकलगुड़ा रेती घाट के पास रोका। विवाद की स्थिति पर टीआई सोनकर पहुँचे। कथित रुप से वहाँ टीआई सोनकर और पत्रकार बापी राय के बीच तीखी तकरार हुई।
गांजा एपिसोड
पत्रकारों का समूह रात को कोंटा के आरएनएस लॉज में रुक गया।इसी लॉज में रेत ठेकेदार चंदू भी ठहरे हुए थे। रात को पत्रकारों के वाहन को दो बार इरशाद और पवन अकेले लेकर निकले थे।देर रात करीब 11 बजे टीआई सोनकर उसी लॉज के सामने पहुँचे थे।टीआई सोनकर के आने के करीब बीस मिनट पहले पत्रकारों की गाड़ी वापस खड़ी कर दी गई थी। अगले दिन याने दस अगस्त को जब पत्रकारों का समूह आंध्र प्रदेश की सीमा पर स्थित होटल में नाश्ता करने गया था तो लौटते वक्त आंध्र पुलिस ने रुकवाया और गाड़ी की तलाशी ली। गाड़ी में कथित रुप से गाँजा बरामद हुआ।गाँजा बरामद होने के मसले पर पत्रकारों ने अनभिज्ञता जताई। पत्रकारों के वाहन से गाँजा बरामद होने के मसले पर हंगामा बरपा गया और बस्तर के पत्रकारों ने पूरे मामले को साज़िश बताते हुए विरोध किया। आंध्र पुलिस पत्रकारों के ब्यौरे के अनुसार कोंटा होटल भी पहुँची, लेकिन कोंटा टीआई सोनकर ने आंध्र पुलिस के पहुँचने के पहले ही कथित रुप से सीसीटीवी का डीव्हीआर क़ब्ज़े में लिया और फ़ुटेज नष्ट कर उसे वापस दे दिया।आंध्र प्रदेश पुलिस ने थाना चिंतुर में अपराध क्रमांक 62/2024 धारा 20 ख ( नारकोटिक एक्ट )के तहत पत्रकारों को गिरफ़्तार कर लिया।
भड़के स्थानीय और प्रदेश के पत्रकार
इस पूरे घटनाक्रम से बस्तर तथा प्रदेश के पत्रकार भड़क गए। पत्रकारों ने एसपी सुकमा किरण चव्हाण को ज्ञापन सौंप मामले की जाँच की माँग करते हुए टीआई सोनकर को मुख्य षड्यंत्रकारी बताया। इस शिकायत के आधार पर एसपी सुकमा ने टीआई सोनकर को पहले लाईन अटैच किया और मामले की प्राथमिक जाँच के लिए डीएसपी कोंटा परमेश्वर तिलकवार को निर्देशित किया। प्राथमिक जाँच में टीआई सोनकर दोषी पाए गए।
सस्पेंड, एफ़आइआर दर्ज, जेल दाखिल
प्राथमिक जाँच के आधार पर टीआई सोनकर को एसपी किरण चव्हाण ने निलंबित कर दिया। एसपी किरण चव्हाण ने प्राथमिक जाँच के आधार पर सस्पेंडेड टीआई सोनकर के खिलाफ बीएनएस की धारा 324 और 331(2) के तहत एफ़आइआर दर्ज करा कर उसे जेल भेज दिया है।
रेत खदान का लायसेंस निलंबित
जिस रेत खदान की रेत का परिवहन आंध्र प्रदेश किया जाते देख पूरा विवाद और हंगामा हुआ था। उस रेत खदान का लायसेंस कलेक्टर सुकमा ने सस्पेंड कर दिया है। बरसात की वजह से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध है, ऐसे में रेत कैसे निकाली जा रही थी, यदि भंडारण था तो कब से था और भंडारित रेत की जाँच अंतिम बार कब की गई थी जैसे कई प्रश्न अभी अनुत्तरित हैं।
चिंतूर जेल में बंद पत्रकारों को छुड़ाने क़ानूनी प्रक्रिया शुरु
नारकोटिक्स मामले में आंध्र प्रदेश पुलिस के द्वारा गिरफ़्तार चारों पत्रकारों को ज़मानत पर छुड़ाने की क़ानूनी कार्यवाही तेज है। लेकिन यह राहत भी अपेक्षित समय ले सकती है।