Raipur,2 July 2024।स्कूल शिक्षा विभाग से संकेत हैं कि, जल्द ही स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण होगा। सूत्रों ने बताया है कि, जल्द ही इसके लिए नीति तय कर व्यवस्था प्रभावी की जाएगी। शिक्षा विभाग के सूत्र यह भी बता रहे हैं कि, ट्रांसफ़र पोस्टिंग की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का इंतज़ार करना होगा।
2015 में हुआ था युक्तियुक्तकरण
स्कूल शिक्षा विभाग में डॉ रमन सिंह सरकार के समय में युक्तियुक्तकरण हुआ था। उस प्रक्रिया के बाद राज्य में कुल सरकारी स्कूलों की संख्या 48548 है, जिनमें प्राथमिक स्तर के 30 हजार 698 स्कूल, पूर्व माध्यमिक स्तर के 13 हजार 11 स्कूल, जबकि हाई स्कूल 1881 और हायर सेंकेंडरी स्कूल 2858 हैं।
क्या है युक्तियुक्तकरण
स्कूल शिक्षा विभाग में रेशनलाईजेशन याने युक्तियुक्तकरण का अर्थ है, स्कूलों और शिक्षकों की संख्या की असमानता को दूर कर उसे व्यवस्थित करना। मसलन एक किलोमीटर के दायरे में दो प्रायमरी स्कूल हैं तो उसे एक में शामिल करना।कहीं ऐसी स्थिति है कि दर्ज संख्या दस है और शिक्षक चार हैं तो उसे किसी नज़दीकी स्कूल से समायोजित करना।
कितने शिक्षक अतिशेष हैं
सूत्रों के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग में इस समय करीब 7500 शिक्षक ऐसे हैं जो अतिशेष की श्रेणी में हैं। जबकि युक्तियुक्तकरण स्कूलों का होगा तो इन अतिशेष शिक्षकों की संख्या बढ़ सकती है।
प्रायमरी और मिडिल स्कूलों में फोकस
स्कूल शिक्षा विभाग में युक्तियुक्तकरण के लिए जो नीति का ड्राफ़्ट तैयार हो रहा है, उसे लेकर संकेत हैं कि,प्रायमरी और मिडिल स्कूलों पर युक्तियुक्तकरण में विशेष फ़ोकस हो सकता है।
यह भी संभव है
सीएम विष्णु देव साय ने शिक्षा विभाग की बैठक में शिक्षा गुणवत्ता को लक्ष्य बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय से मिल रहे संकेत बता रहे हैं कि, सीएम साय के निर्देशों के अनुरूप स्कूल शिक्षा को मॉडल बनाने की कवायद तेज़ी से की जा रही है। इसके लिए कई विचार क्रियान्वयन की दिशा में हैं। मसलन यह व्यवस्था है कि, जब बच्चे सरकारी प्रायमरी स्कूल से सरकारी मिडिल स्कूल जाते हैं तो टीसी लेते हैं, मिडिल स्कूल से हाई स्कूल जाते वक्त भी यह प्रक्रिया दोहराई जाती है, जबकि एक ही परिसर में प्रायमरी मिडिल और हायर सेकेंडरी स्कूल होते हैं। संभावना है कि यह प्रक्रिया ख़त्म हो सकती है।बशर्ते बच्चे किसी अन्य संस्था में एडमिशन लेने की क़वायद ना कर रहे हों।स्कूल शिक्षा मॉडल बने इसका मतलब है स्कूल और उसकी व्यवस्था उसकी शिक्षा संरचना आईडएल हो, सरकार उस ओर ही बढ़ रही है।