Raipur। बिरनपुर कांड में मारे गए भुवनेश्वर साहू हत्याकांड मामले की बेमेतरा कोर्ट में सुनवाई जारी है। लेकिन यह सुनवाई केवल तारीख़ों के आगे बढ़ने तक सीमित है, क्योंकि कोई भी गवाह जिनमें पुलिस के अधिकारी/कर्मचारी भी शामिल हैं वे कोर्ट के अनवरत जारी होते समंस और ज़मानती वारंट के तामीली के बावजूद कोर्ट में हाज़िर नहीं हो रहे हैं। हैरत में डालने वाला मसला भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू का है। ईश्वर साहू को अब तक कोर्ट छ बार ज़मानती वारंट के ज़रिए बुला चुकी है, और इसी अप्रैल महीने की शुरुआत में उनके समेत अन्य साक्षियों को सातवीं बार ज़मानती वारंट जारी कर बुलाया गया है।
278 दिन और एक गवाह हाज़िर नहीं
बिरनपुर कांड में सात एफ़आइआर दर्ज हुई। इन सात में से एक एफ़आइआर भुवनेश्वर साहू हत्याकांड की है। बेमेतरा कोर्ट में यह मामला 27 जुलाई 2023 को पहुँचा है। 28 जुलाई 2023 को इस मामले की सुनवाई प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा की कोर्ट में शुरु हुई। अदालत ने 28 जुलाई 2023 को चार्ज फ़्रेम कर दिया। कोर्ट ने धारा 120 बी,147,148,149,303/149 और 302/149 के तहत आरोपियों के विरूद्ध चार्ज तय किया और आरोपियों ने अपराध करने से इनकार कर मामले में विचारण का आग्रह किया। अब जबकि इस केस को कोर्ट में चलते हुए 278 दिन बीत चुके हैं, एक भी गवाह कोर्ट के बार बार जारी होते समंस के बावजूद हाज़िर नहीं हुआ है।
28 जुलाई को पहली बार जारी हुआ समंस
28 जुलाई 2023 को अदालत ने आगामी पेशी तारीख़ 10 अगस्त,14 अगस्त,16 अगस्त,17 अगस्त और 18 अगस्त 2023 तय की और इन पाँच दिनों में प्रकरण के 30 गवाहों को उपस्थित होने के लिए समंस जारी किया। इन तीस गवाहों में एफ़आइआर दर्ज करने वाले भुवनेश्वर साहू के बड़े पिता भागीरथी साहू, और भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू शामिल थे। भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू समेत छ को 10 अगस्त को कोर्ट में हाज़िर होना था। लेकिन 10 अगस्त को कोई हाज़िर नहीं हुआ।
10 अगस्त को पहली बार ज़मानती वारंट जारी हुआ
बेमेतरा कोर्ट ने भुवनेश्वर साहू हत्याकांड मामले में गवाही के लिए भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को 10 अगस्त को कोर्ट में हाज़िर होकर गवाही देने के लिए ज़मानती वारंट जारी कर दिया। 10 अगस्त को कोर्ट ने ईश्वर साहू, भागीरथी साहू,गौचरण साहू,प्रेमलाल साहू, रमेश ठाकुर और राजाराम साहू को गवाही के लिए कोर्ट में पेश होने के लिए पाँच-पांच सौ रुपये का ज़मानती वारंट जारी किया। इसी दिन अदालत ने ऑर्डर शीट में लिखा -“ वारंट में टीप अंकित किया जावे कि,थाना प्रभारी स्वतः रुचि लेकर तामिल करें तथा अदम तामील होने की दशा में थाना प्रभारी स्वतः उपस्थित रहें।”
24 अगस्त को फिर 19 के खिलाफ ज़मानती वारंट जारी हुआ
24 अगस्त को इस मामले में फिर सुनवाई की तारीख़ आई और अदालत ने यह पाया कि समंस और ज़मानती वारंट की तामीली हुई है लेकिन गवाह नहीं आए तो इस बार ईश्वर साहू समेत 19 के खिलाफ एक बार से ज़मानती वारंट जारी किया।16 अगस्त को जब सुनवाई हुई तो फिर कोई गवाह हाज़िर नहीं हुआ।जबकि ज़मानती वारंट तामील के बाद वापस आ गए। 17 अक्टूबर को अदालत ने फिर से ईश्वर साहू समेत आठ को अदालत में पेश होकर गवाही देने के लिए ज़मानती वारंट जारी किया। अगली पेशी 28 नवंबर को हुई उसमें वारंट फिर तामील होकर वापस आए लेकिन गवाह हाज़िर नहीं हुए। 29 नवंबर को कोर्ट ने ईश्वर साहू समेत आठ को फिर से गवाही के लिए हाज़िर होने ज़मानती वारंट जारी किया। इस बार तारीख़ दी गई 11 जनवरी।
11 जनवरी को ईश्वर साहू की ओर से कोर्ट में आवेदन - “विधायक होने की वजह से पार्टी कार्यक्रम में व्यस्त हैं”
11 जनवरी को जबकि भुवनेश्वर साहू हत्याकांड मामले में पेशी हुई, तो गवाह फिर से हाज़िर नहीं हुए। लेकिन कोर्ट में मनोहर साहू नाम के व्यक्ति ने पेश होकर गवाह ईश्वर साहू,गौचरण साहू,प्रेमलाल साहू और भागीरथी साहू की ओर से आवेदन पत्र पेश किया। उस आवेदन पत्र पर लिखा था -“गवाह ईश्वर साहू विधानसभा साजा के विधायक होने के कारण आवश्यक पार्टी कार्यक्रम में दो दिन से व्यस्त हैं और शेष गवाह भी कार्यक्रम में कार्यकर्ता के रुप में व्यस्त हैं।जिसके कारण वे माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हो पाये हैं, अतः आज उनकी अनुपस्थिति माफ़ की जाए।” यह याद दिलाने की भला क्या ही जरुर है कि, ईश्वर साहू जिन्होंने अदालत में साजा विधायक होने और पार्टी काम में व्यस्तता को अदालत में गवाही के लिए नहीं आने को वजह बताया, वे ईश्वर साहू उस प्रकरण में कोर्ट में यह आवेदन दे रहे थे जो प्रकरण उनके अपने बेटे भुवनेश्वर साहू की हत्या का था, और उनकी गवाही बेहद महत्वपूर्ण थी। यह भी याद दिलाने की शायद ही जरुरत हो कि, इस आवेदन में जिस भागीरथी साहू का ज़िक्र था, वे भुवनेश्वर साहू के बड़े पिता और साजा थाने में भुवनेश्वर साहू हत्याकांड के प्रार्थी थे। याने भागीरथी साहू ने ही साजा थाने में एफ़आइआर दर्ज कराई थी।
इस आवेदन पर कोर्ट ने ऑर्डर शीट पर लिखा -“ कारण उचित और न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता”
11 जनवरी को साजा विधायक होने और पार्टी कार्यक्रम में व्यस्तता बता कर नहीं आ पाने के कारण पर अदालत ने अपनी प्रतिक्रिया को कोर्ट ऑर्डर में दर्ज किया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश पंकज सिन्हा ने कोर्ट की ऑर्डर शीट में लिखा है -“पूर्व की तिथियों में भी उपरोक्त अभियोजन साक्षियों को साक्ष्य हेतु समंस जारी किया गया था,किंतु वे साक्ष्य हेतु अनुपस्थित रहे थे।जिससे ऐसा स्पष्ट होता है कि,इस प्रकरण के अभियोजन साक्षीगण न्यायालय द्वारा जारी समंस एवं ज़मानती वारंट के तामील होने के बावजूद अभियोजन साक्ष्य हेतु उपस्थित नहीं हो रहे हैं, और मामले में किसी अभियोजन साक्षी के विधायक होने अथवा उसे अपने पार्टी के कार्यक्रम में व्यस्त होने तथा अभियोजन साक्षियों के कार्यकर्ता के रुप में उसके कार्यक्रम में व्यस्त होने के आधार पर साक्ष्य हेतु ज़मानती वारंट तामील होने के उपरांत भी, न्यायालय में उपस्थित नहीं होना एक ‘गंभीर बात’ है।अभियोजन साक्षीगणों ने आज इस न्यायालय में अपनी अनुपस्थिति के संबंध में जो कारण बताया है,वह यद्यपि ‘उचित एवं न्यायसंगत होना प्रतीत नहीं होता है’ तथापि न्याय हित को दृष्टिगत रखते हुए उपरोक्त अभियोजन साक्षीगणों की ओर से उनके आज के अनुपस्थिति का आवेदन पत्र इस निर्देश एवं शर्त के साथ स्वीकार किया जाता है कि, वे आगामी तिथि पर ठीक 11 बजे आवश्यक रुप से उपस्थित रहें,अन्यथा साक्ष्य हेतु उनके न्यायालय में उपस्थित सुनिश्चित किए जाने बाबत विधि सम्यक एवं कठोर कार्यवाही की जाएगी।” कोर्ट ऑर्डर में यह टिप्पणी लिखने के साथ ही कोर्ट ने 12 जनवरी की तारीख़ अगली पेशी के लिए नियत करते हुए एक बार फिर से ईश्वर साहू समेत अन्य के लिए ज़मानती वारंट जारी कर दिया।
12 जनवरी को भी नहीं पहुँचे ईश्वर साहू
भुवनेश्वर साहू हत्याकांड में पेशी 11 जनवरी को हुई। गवाह फिर नहीं पहुँचे। कोर्ट ने यह पाया कि, अभियोजन साक्षीयों को बार बार पुकार लगाया गया परंतु साक्षीगण अनुपस्थित हैं और उनकी ओर से अनुपस्थिति के संबंध में कोई सूचना भी प्राप्त नहीं है।कोर्ट ने गवाह राजाराम साहू,भेखलाल ठाकुर और कृष्णा साहू के खिलाफ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी करने के आदेश के साथ निर्देश दिए-“ वारंट में लाल स्याही से अंकित किया जावे कि, ‘बिना हथकड़ी लगाये, न्यायालय में प्रस्तुत करें।” कोर्ट ने इसके बाद ईश्वर साहू समेत 18 गवाहों के लिए ज़मानती वारंट जारी किया, और 1 अप्रैल,2 अप्रैल तथा 3 अप्रैल की तारीख़ें गवाही के लिए नियत कीं।
फिर हाज़िर नहीं हुए ईश्वर साहू,वारंट पर लिखा गया -अदम तामिल
1 अप्रैल, 2 अप्रैल और तीन अप्रैल को भुवनेश्वर हत्याकांड मामले में कोर्ट लगी। एक अप्रैल और दो अप्रैल को जिनके लिए गवाही तय थी और वारंट जारी हुआ था,उनमें से कोई गवाह नहीं आए। उन वारंटों को ‘अदम तामील’ के साथ वापस कोर्ट में पेश किया गया।वे वारंट जो कि अदम तामिल के बाद वापस आए, उनमें एक वारंट ईश्वर साहू का भी था। ईश्वर साहू, भागीरथी साहू, गौचरण साहू,प्रेमलाल साहू,रमेश ठाकुर और राजाराम साहू को कोर्ट में 1 अप्रैल को गवाही के लिए उपस्थित होना था।
एक बार फिर से ज़मानती वारंट जारी हुआ है, अब तारीख़ है -9 मई
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार की कोर्ट से 3 अप्रैल को 12 लोगों को गवाही पेशी के लिए फिर से ज़मानती वारंट जारी किया गया है। इन गवाहों को क्रमशः 9 मई,10 मई,13 मई और 14 मई को अदालत में उपस्थित होना है। कोर्ट ऑर्डर शीट के अनुसार भुवनेश्वर साहू हत्याकांड के प्रार्थी भागीरथी साहू, और भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू तथा गौचरण साहू को गवाही के लिए 9 मई को कोर्ट में हाज़िर होना है।
बचाव पक्ष की अधिवक्ता ने कहा
भुवनेश्वर हत्याकांड में कोर्ट ऑर्डर के पन्नों को पलटते हुए बचाव पक्ष की अधिवक्ता सलमा शरीफ ने द हिट डॉट इन से कहा-"लगातार उपस्थिति के लिए हर गवाह को नोटिस और जमानती वारंट जारी हो रहा है। हालिया पेशी में चार गवाहों को ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया गया है। अप्रैल के पहले हफ़्ते में पेशी थी। इस बार ईश्वर साहू के समंस पर लिखा गया कि अदम तामिल है।इस ऑर्डर शीट को ही देख लीजिए, नोटिस ज़मानती वारंट तामील हो रहे हैं।हम अपने पक्षकारों के लिए जिरह करें भी तो कैसे, गवाह आए तब तो जिरह होगी।"