whatsapp-share-iconfacebook-share-icontwitter-share-iconshare-icon

Chhattisgarh में आईपीएस विकास कुमार का निलंबन समाप्त

लोहारडीह कांड में निलंबित आईपीएस विकास कुमार को जांच में निर्दोष पाते हुए निलंबन समाप्त कर दिया गया है। केवल संयोग है कि, आज ही लोहारीडीह कांड में 23 लोगों को ज़मानत मिली है। कवर्धा पुलिस की चार्जशीट में इन 23 के विरुध्द सबूत नहीं होने की बात कोर्ट से कही गई थी।

टॉप न्यूज़
By: याज्ञवल्क्य
06 December 2024
Chhattisgarh में आईपीएस विकास कुमार का निलंबन समाप्त

Raipur,6 December 2024। कवर्धा के लोहारडीह कांड में निलंबित किए गए आईपीएस विकास कुमार का निलंबन समाप्त कर दिया गया है। विकास कुमार को पीएचक्यू में सहायक पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय पद पर पदस्थ किया गया है। 2022 बैच के आईपीएस अधिकारी विकास कुमार की निलंबन अवधि को ड्यूटी में शामिल कर दिया गया है।

प्रशांत साहू की जेल में मौत के बाद हुए थे निलंबित
लोहारडीह कांड में सरपंच परिवार के मुखिया को ज़िंदा जलाए जाने के मामले में गिरफ़्तार किए गए प्रशांत साहू की जेल में 18 सितंबर को मौत हो गई थी। 18 सितंबर को ही राज्य सरकार ने आदेश जारी कर कवर्धा के एडिशनल एसपी रहे विकास कुमार को निलंबित कर दिया था। निलंबन आदेश में लिखा गया था -“प्रशांत साहू की न्यायिक अभिरक्षा में मृत्यु हो गई। मृतक को जेल में दाखिल होते समय से ही चोट लगी हुई थी। विकास कुमार आगजनी की घटना को करने वालों को गिरफ्तार करने वाली टीम के प्रमुख थे, अतः इस मृत्यु के पीछे प्रथम दृष्टया उनकी गंभीर लापरवाही प्रतीत होती है।”

अब सरकार ने कहा - कोई लापरवाही नहीं
निलंबन आदेश के 79 दिन बाद राज्य सरकार ने आईपीएस विकास कुमार का निलंबन रद्द करते हुए उन्हे दोषमुक्त भी कर दिया है। निलंबन रद्द किए जाने वाले आदेश में उल्लेख है -“प्रकरण में पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रस्तुत तथ्यात्मक प्रतिवेदन में दिए गए अभिमत के अनुसार विकास कुमार के कार्यों में किसी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही नहीं पाई गई है।”

संयोगः आज ही लोहारडीह कांड में 23 को ज़मानत
केवल संयोग है कि, आज ही राज्य सरकार ने आईपीएस विकास कुमार को निर्दोष करार दिया है और आज ही लोहारडीह कांड में 23 आरोपियों को न्यायालय ने ज़मानत दी है। अदालत में पेश चार्जशीट में पुलिस ने उपरोक्त 23 के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं होना लेख किया था। यह महत्वपूर्ण है कि विगत 8 नवंबर को ( चार्जशीट के पहले ) कवर्धा पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पूजा मंडावी की कोर्ट में आवेदन देकर 24 को प्रकरण से उन्मोचित करने का आवेदन दिया था, जिसे तीन कारण बताते हुए कोर्ट ने खारिज कर दिया था। मजिस्ट्रेट पूजा मंडावी ने आदेश में लिखा -“प्रकरण न्यायालय द्वारा विचारणीय नहीं है और प्रकरण में अभियोग पत्र प्रस्तुत नहीं हुआ है।इस स्तर पर केवल आरक्षी केंद्र रेंगाखार के द्वारा गवाहों के साक्ष्य से उक्त अभियुक्तगण को उन्मोचित नहीं किया जा सकता।”

home icon

होम

short icon

शॉर्ट्स