Raipur,25 November 2024। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने शोहदों पर क़ाबू पाने अभियान छेड़ दिया है।रायपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी शुरु करते हुए उन पर तेज़ी से कार्यवाही शुरु की है जो सोशल मीडिया पर छुरा कट्टा तलवार दिखा कर रंगबाजी करते हैं। रायपुर पुलिस ने करीब पांच सौ ऐसे लोगों की पहचान की है, जो लॉ एंड ऑर्डर के लिए आफ़त बन रहे हैं। आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देश हैं कि अपराधियों से ज़ीरो टॉलरेंस के साथ निपटा जाए। इस निर्देश का सख़्ती से पालन हो,इसके लिए एसएसपी संतोष सिंह ने रणनीति को ही तब्दील कर दिया है।
शठ प्रति शाठ्यम की नीति पर उतरी राजधानी पुलिस
लगातार छुरेबाजी की घटनाओं पर क़ाबू पाने राजधानी पुलिस ने रणनीति में बदलाव किया है। यह बदलाव क्रियान्वयन में साफ़ झलक रहा है। पुलिस ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है, लेकिन यह कार्यवाही अब पकड़ो और जेल डालो तक सीमित नहीं है।सोशल मीडिया पर अपराध का ग्लैमर और भौकाल दिखाने वालों की पहचान कर पहले “कायदा-प्रसाद” दिया जा रहा है और उसके बाद कान पकड़ कर माफ़ी माँगते हुए का वीडियो उन्हीं बदमाशों के सोशल मीडिया खातों पर जारी कराया जा रहा है। क्राईम ब्रांच सहित तेज तर्रार कर्मचारियों के ज़रिए ऐसे पांच सौ सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की गई है और ताबड़तोड़ कार्यवाही की जा रही है।
राजधानी पुलिस ध्येय वाक्य पर ही काम कर रही है
राजधानी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने रायपुर में अपराधियों के मनोबल को तोड़ने चल रही कार्यवाही के बदले नज़रिए पर कहा है -“रायपुर पुलिस दरअसल अब वही कर रही है, जो छत्तीसगढ़ पुलिस का ध्येय वाक्य है। यह ध्येय वाक्य है परित्राणाय साधुनाम। यह श्लोक की आगे की पंक्ति है - विनाशाय च दुष्कृताम्।”
रायपुर पुलिस ने जारी किए आँकड़े
रायपुर पुलिस ने फ़रवरी से नवंबर तक के आकंडे जारी कर अपराध का ब्यौरा भी दिया है। रायपुर पुलिस के इस आँकड़े में दावा है कि, बीते वर्ष के मुक़ाबले तीन फ़ीसदी की कमी है।
इस आँकड़े के अनुसार पिछले साल चाकूबाजी की 171 की जगह 102 घटनाएं और हत्या के 54 की बजाय 58 घटनाएं हुई हैं। चाकूबाजी में 40 फीसदी की कमी, हत्या में 7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। छेड़छाड़/यौन हिंसा में 28 फीसदी, बलात्कार में 8 फीसदी, चोरी में 9 और मारपीट में 3 प्रतिशत की कमी है।